Soldier Aakash

Horror Thriller

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Horror Thriller

आज़ादी - रहस्यमयी भूतिया घर की

आज़ादी - रहस्यमयी भूतिया घर की

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भाग - 2

अगले दिन

दोपहर के 2बज रहे हैं

(शंकर पे किसी का कॉल आता है)

शंकर ."हेलो कौन?

अनजान ."क्या में शंकर से बात कर रहा हूं.

शंकर "हा मै शंकर ही बोल रहा हूं... कहिए आप कौन है किससे काम है आपको ."अनजान ."देखो शंकर ने कौन हूं कहा से हूं ये ज़रूरी नहीं है.. ज़रूरी ये है कि तुम्हे अपनी जान कैसे बचानी है."

शंकर ."अबे क्या बकवास है ये.. देखिए में अपनी जान अच्छे से बचा सकता हूं आदमी हूं अच्छे से जनता हूं कैसे क्या करना है.. आप फालतू की बात छोड़िए ये बताईए आप है कौन? चाहते क्या है?

अनजान ."कल सुबह तुम्हारे मालिक राकेश जी का कॉल आया था किसी से उस घर के बारे में पूछताछ करने के लिए."

शंकर ."क्या??? ओह अच्छा आप जानते है उस घर के बारे में."

अनजान ."हा अगर जनता ना होता तो शायद अभी हमारी ऐसे बात ना होती."

शंकर ."कोई न मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है आप कौन हो कहा से है.. अगर आप उस घर के बारे में कुछ बताना चाहते है तो बता दीजिए." मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है घर के कामों में व्यस्त हूं."

अनजान ."में कुछ सांझा नहीं करना चाहता क्युकी में तुम्हे डराना नहीं चाहता बस इतना कहूंगा की उस घर को खरीदने का खयाल अपने मालिक के दिमाग से निकलवा दो बेफालतू में अपनी जान से हाथ धो बैठोगे."

शंकर ."देखिए में या हम मेसे कोई भी ऐसे डरने वाले मेसे नहीं है हम बोहोत जल्द निकालने वाले है यह से उस घर के लिए." क्यों ना मिल के आमने सामने बातचीत हो जाए."अनजान ."अच्छा तो मेरे पास भी इतना वक्त नहीं है शंकर." में बस तुम्हे चेतावनी दे रहा हूं मत जाओ वहा." क्या तुम्हे अपने परिवार की चिंता नहीं है."

शंकर ."मालिक और मालकिन का परिवार भी मेरा दूसरा परिवार है इस घर के लिए एवं इस घर के समस्त परिजनों के लिए में वफादार हूं मेरे बाप दादा यह थे में भी यही हूं जो होगा देखा जाएगा."

अनजान ."ठीक है शंकर जैसा तुम्हारा मन." इतना कहूंगा जब ज़रूरत पड़े इस नंबर पे कॉल कर देना तुम्हारे लिए हमेशा चालू रखूंगा ये वादा रहा."

शंकर ."आपका बोहोत बोहोत धन्यवाद मगर मुझे किसिकी सहायता की ज़रूरत नहीं है में एवं मेरे साथी संभाल लेंगे."

अनजान ."देखो जोश में होश खो रहे हो तुम जनता हूं मुझे विश्वास है तुम ज़रूर आओगे मदद मांगने चिंता मत करो मै तब भी तुम्हारी सहायता करूंगा."

शंकर ."ठीक है तब का तब देखा जाएगा फिलहाल में जा रहा हूं मुझे और भी बोहोत से काम है."

( और इसके बाद शंकर कॉल समाप्त कर देता है... और शंकर काफी गहरी सोच में पड़ जाता है कि आखिर ये व्यक्ति था कौन मेरी मदद क्यों करना चाहता है)

(तभी वहा पे संजय आ जाता है.. वो देखता है शंकर काफी गहरी सोच में पड़ा हुआ है.. थोड़ा चिन्तित सा प्रतीत होता है)

संजय ."क्या हुआ शंकर?? क्या बात है?? तुम इतने चिन्तित क्यों नज़र आ रहे हो."(संजय के पूछने पर शंकर संजय को सारी बात बताता है)

संजय ."ओह तो ये बात है कोई ना शंकर अगर वो अपनी मर्ज़ी से सहायता करना चाहता है तो उसे करने दो." शायद ये ऊपर वाले का ही कोई इशारा होगा जो हम समझ नहीं पा रहे है." फिलहाल इस बात को दिमाग से थोड़ा एक तरफ करो." और ये सोचो वहा कौन कौन जाएंगे."

शंकर ."मैने तय कर लिया है हम जितने भी है यह सब जाएंगे केवल महिलाओं को छोड़ कर उनकी जान हम खतरे में नहीं डाल सकते." हो ना हो वो व्यक्ति जो भी हो जो कुछ भी बोल रहा है सच हो सकता है." शायद वो इस घर के बारे में कुछ ना कुछ ऐसा जनता है जिसकी खराब हमे तक नहीं है."

संजय ."तुम यहीं कहते हो शंकर तुम चिंता मत करो फिलहाल हीं सारे नौकरों के मुखिया तुम हो तुम आगे का सोचो में इतने में सभी को यह सूचित कर देता हूं कि महिलाएं यही रह कर घर का ध्यान रखेंगी."

शंकर ( मन ही मन में सोचता है) ."हो ना हो कुछ तो ऐसा है को हमे दिखाई नहीं दे रहा." मुझे इसकी जड़ तक जाना होगा." मालिक का इकलौता बेटा है." छोटे मालिक को ऐसे खतरे में नहीं जाने दे सकता हूं." है ऊपर वाले रक्षा करना हमारी."

शाम के 5 बज रहे थे

( राकेश जी पे कॉल आता है प्रॉपर्टी डीलर का)

राकेश जी ."हेलो सर.प्रॉपर्टी डीलर ."हेलो राकेश जी.. कैसे है आप."राकेश जी ."में बढ़िया सर आप बताइए.."प्रॉपर्टी डीलर ."में भी बढ़िया.. अच्छा सुनिए घर के कागज़ात तैयार है." आप कब आ रहे है." बड़ी बैचेनी हो रही है मुंह मीठा करवाइए हमारा (हस्ते हुए)

राकेश जी ."अरे हा हा सर जी क्यों नहीं एक बार मेरी पत्नी की छोटी बहन आजाए उसके बाद हम निकल जाएंगे यह से." और फिर करते है मनोरंजन और आपका मुंह भी मीठा करवाएंगे."

प्रॉपर्टी डीलर ."अच्छा अच्छा चलो ठीक है निकालने से पहले कॉल ज़रूर करिएगा." और मिठाइयां भूलिएगा नहीं ( हस्ते हस्ते)

राकेश जी ."अरे अरे सर जी.. ज़रूर ज़रूर.. में करूंगा कॉल वो तो."

प्रॉपर्टी डीलर ."और बताइए तैयारियां हो गई सारी."रखेशी जी ."जी बस चल रही है." आधी बाकी है वो साली जी के आने के बाद हो जाएगी."

प्रॉपर्टी डीलर ."अच्छा अच्छा.. चलो बढ़िया है मुझे इंतज़ार रहेगा आप सबका.. और आपके ठहरने की भी व्यवस्था हो गई है." मैने सब कुछ कर दिया है आप बस जल्दी से यहां आजाये."

राकेश जी ."अरे सर इसकी क्या ज़रूरत थी हम देख लेते हमारा अपने फालतू में तकलीफ उठाई हमारे लिए.प्रॉपर्टी डीलर ."कैसी बातें करते है राकेश जी आपका परिवार हमारा परिवार."

राकेश जी ."( हिचकिचाते हुए) चलिए ठीक है अब क्या कहूं आप मानोगे नहीं."

प्रॉपर्टी डीलर ."हा चलो ठीक है अब मै फोन रखता हूं आप याद से कॉल करिएगा."

राकेश जी ."जी ठीक है."

(इसके बाद कॉल कट हो जाता है)


अगले भाग के लिए बने रहिए." 🙏🙏🙏🙏



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