आभासी इश्क का नशा
आभासी इश्क का नशा
"सोशल मीडिया जितना उपयोगी है उतना ही ख़तरनाक भी मैसेंजर अब मैसेज की आप ले से ज्यादा सेक्स रैकेट जो बनता जा रहा है"
राजन ने फेसबुक पर कई ग्रुप खोल रखे थे, और ज़्यादातर औरतों को ही एड करता जिसकी वजह से उसकी दुकान चलती रहे। जी हाँ, राजन जो सेक्स के पीछे पागल था तो जानता था की चालीस की उम्र के आसपास की औरतों को पटना मुश्किल बात नहीं। हर कुछ दिन बाद कोई न कोई चिड़ीया उसके मैसेंजर की मेहमान होती थी। और राजन कुछ दिन खेलकर पार्टनर बदल लेता था। सब औरतों को दाना ड़ालता रहता जो पट जाए उसके साथ कुछ दिन रंगरेलियां मना कर दूसरी ढूँढ लेता था। औरतों को पटाकर विडियो काॅल के ज़रिए ऐश करता था।
एक ग्रुप की मेम्बर रंजना की जवानी का दीवाना राजन रंजना को मीठी-मीठी बातों से बहला रहा था, और दूसरी तरफ़ उसी ग्रुप की मेम्बर विनीता को भी फुसला रहा था। रंजना को तो लगता था मानों राजन उसके जन्मों जन्म का साथी है। शादीशुदा होकर भी पति से छुप छुपकर राजन से फेसबुकीया रिश्ता बना लिया और हर हद पार करती रही। तो दूसरी तरफ़ विनीता भी राजन को पसंद करने लगी और आहिस्ता-आहिस्ता राजन के आभासी प्यार के चक्कर में पागल होती रही। इत्तेफ़ाक़ से तीनों दिल्ली के ही रहने वाले थे।
राजन विनीता और रंजना की पोस्ट पर उत्तेजक कमेन्ट करके खुद को सच्चा आशिक साबित करने की कोशिश करता रहता। रंजना और विनीता कमेन्ट देखकर जलन के मारे एक दूसरे पर आरोप लगाते पोस्ट पर ही झगड़ा करने लगी। दोनों को लगता था राजन मेरा है, मर मिटने की कगार तक आ गई। राजन को कोई फ़र्क नहीं पड़ता था उसे तो अपना उल्लू सीधा करना था दो कलियाँ उसकी चंगुल में फंसी थी और वह मजे ले रहा था प्रणय के तीनों कोण नहीं जानते थे ज़िंदगी की साज़िश क्या थी, एक दिन रंजना ने विनीता को जलाने के लिए पोस्ट पर ही राजन को मिलने के लिए बोल दिया शाम 6 बजे मिनर्वा होटेल में आना मैं इंतज़ार करूँगी जो विनीता ने पढ़ लिया।
राजन ने सोचा चिड़िया फंस ही गई है तो क्यूँ न मजा लिया जाए। पाँच बजे ही होटेल पहुँच कर राजन ने दो घंटे के लिए होटेल में रूम बुक करवा लिया और पूल साइड टेबल पर बैठकर रंजना का इंतज़ार करने लगा।
कुछ ही देर बाद राजन ने महसूस किया पीठ में कुछ नुकीली चीज़ चुभी और वार पर वार होता रहा। राजन का सर लुढ़क गया पीछे की तरफ़ तो विनीता के रुप में माँ काली के दर्शन हो गए, जो कह रही थी अगर तुम मेरे नहीं हुए तो किसी ओर के कैसे हो सकते हो इतना सुनते ही राजन ने दम तोड़ दिया। इतने में रंजना वहाँ आ गई और नज़ारा देखते ही आगबबूला हो उठी। राजन के प्यार में पागल रंजना ने विनीता के हाथ से चाकू छीन कर विनीता के पेट में घुसा दिया, मेरे प्यार को तुमने मार ड़ाला छोडूँगी नहीं तुझे कहते जुनून से विनीता पर टूट पड़ी। विनीता ने भी पल भर में दम तोड़ दिया होटेल स्टाफ जमा हो गया रंजना के हाथ से चाकू ले लिया और पुलिस को बुलाकर रंजना को सौंप दिया। रंजना पर केस चला पर रंजना को कोई फ़र्क नहीं पड़ता, इश्क में हार बर्दाश्त नहीं हुई तो दिमागी संतुलन खोते पूरा दिन राजन, राजन की माला जपते आग्रा के पागल खाने में उम्र जो काट रही है। और फेसबुक मैसेंजर से शुरू हुए प्रणय त्रिकोण का रकास कुछ यूँ हो गया।
