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sai mahapatra

Drama

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sai mahapatra

Drama

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

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ये ज़िन्दगी जैसे मुझे मुझसे ही

रूखसत होने की इजाज़त मांग रही थी।


मेरी सारी चालाकी जैसे उसी पर ही

आके ठहर गई थी।


पता नहीं अब चलना इतना मुश्किल

क्यूं हो गया था मेरे लिए।


इए जो चेहरे जिनको में

बरसों से देखता आया हूं।


अचानक इतने अंजान

क्यूं हो गये थे मेरे लिए।


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