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Tanha Shayar Hu Yash

Romance

5.0  

Tanha Shayar Hu Yash

Romance

ज़िंदगी की शाम

ज़िंदगी की शाम

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अगर ज़िंदगी की शाम हो जाये, तो अपना भी कुछ इंतज़ाम हो जाये,

आंधी चले पत्ते उड़ जाये, तो पतझड़ को भी आराम हो जाये,
फूलों की महक उड़ जाये, तो फूलों का भी नाम हो जाये,

अगर ज़िंदगी की शाम हो जाये, तो अपना भी कुछ इंतज़ाम हो जाये,
फैसला हो हर शख़्स का यहाँ, तो सारा शहर ही बदनाम हो जाये,

करे प्यार कोई यहाँ न फिर सोचे, कहीं ये प्यार न इल्जाम हो जाये,
अगर ज़िंदगी की शाम हो जाये, तो अपना भी कुछ इंतज़ाम हो जाये

नसीब का खेल हो जहां भी अब, सब चाँद तारों के नाम हो जाये,
दुआ न करे मोहब्बत की कोई तनहा, कहीं तनहाई ना उसका ईमान हो जाये।

 


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