ज़िन्दगी और मौत
ज़िन्दगी और मौत
मौत दुनिया से एक दिन सबको जाना है, सच है,
फिर भी ज़िन्दगी ज़िंदा रहने का एक बहाना है, सच है।
मौत आज़ाद कर देती है हर रिश्तों से फिर भी,
जब तक ज़िन्दगी है उन्हें निभाना है, सच है।
ज़िन्दगी में हर सुबह एक नयी ज़िन्दगी मिलती है,
मौत को तो एक बार ही आना है, सच है।
ज़िन्दगी जीने की धुन में हम मौत को भूलते रहे,
ज़िन्दगी है क्या, बस मौत का निशाना है, सच है।
आज किसी की मौत पर हम रो रहे हैं लेकिन,
कल हमको भी यहाँ से जाना है, सच है।
