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Kaushik Dave

Abstract Fantasy

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Kaushik Dave

Abstract Fantasy

" युग प्रवर्तक "

" युग प्रवर्तक "

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ऊंची ऊंची दीवारें,

ज्ञान की तलवारें,

आया है घोड़े पे,

विचारों का वेग लेके ।

वेदों का ज्ञान लेके,

शास्त्रों का साथ लेके,

असहायों का रक्षक,

दुष्टों का है दुश्मन ।।


वाणी उसकी शुद्ध होगी,

कार्य सुन्दर होगा,

पदमा का साथ होगा,

शंकर का वरदान होगा,

धर्म में मानने वाले,

कर्मों का सहारा लेंगे,

सृष्टि के विनाश का,

भयानक तांडव होगा,


जन सुधार से ले के,

दुष्टता का संहार होगा,

कादव में कमल जैसा,

वह भारत में होगा,

सच्चाई के पथ पर,

नये युग का निर्माण होगा,

नया सर्जन हारा वह,

आखिरी अवतार होगा,

विष्णु का अवतार होगा,

निष्कलंकी नारायण होगा...



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