यह तो अभी शुरूआत है
यह तो अभी शुरूआत है
सहसा जीवन में कौंध उठी जिज्ञासा,
चलो कुछ अब नया हमको सभी को करना है,
आज फिर से हम ढूंढकर लायेंगे वो सभी खुशियाँ,
जो न जाने कहाँ खो गई थी जग के इस कोलाहल में,
ये जीवन मिला बहुत ही खास है ये तो अभी शुरूआत है।
बाल सुलभ वो मन की पीड़ा कोई हर लेता था,
सर रख उसकी गोद में भूख प्यास सब दूर हो जाए ,
वो खुशियाँ ढूंढकर लाएं जिसमें कहीं कोई स्वार्थ नहीं,
भावपूर्ण शब्दों का वहाँ मेला हो जहाँ न कोई अकेला हो,
ये मत सोच कि देर हुई है जीवन में ये तो अभी शुरूआत है I
जीवन का सागर हो जहाँ खुशियों की लहरें हो,
ना हो घनघोर अँधेरा बस हो वहाँ सुखों का ही सवेरा,
चलो समेट लेते हैं उन प्यारी प्यारी सभी यादों को आज,
जहाँ मिले सबको खुशियाँ और अपने रिश्तों की भरमार हो,
ये मत सोच कि देर हुई है जीवन में ये तो अभी शुरूआत है I
जो भूल हुई उन सभी भूलों को आज सुधार लो,
इस जीवन में अब तुम आशाओं का एक नगर बसा लो,
जिस नगर में न द्वेष हो न घृणा न हिंसा और न ही पाप हो,
स्वार्थ को त्याग कर मनुष्य के मन में बस प्रेम का विश्वास हो,
ये मत सोच कि देर हुई है जीवन में ये तो अभी शुरूआत है I
अब भूले से भी ना उठे गलत राहों पर कदम,
शुद्ध आचरण ,सदाचार संस्कारों से भरा जीवन मिले,
हमारे घर की ड्योढ़ी पर हमेशा बस जाए खुशियों का संसार ,
सभी दुखों को भूलकर आगे बढ़ो जीवन में ना कोई कड़वाहट हो,
ये मत सोच कि देर हुई है जीवन में ये तो अभी शुरूआत है I
