यह शौक नही मजबूरी है , पुरानी पेंशन बहुत ज़रूरी है ।
यह शौक नही मजबूरी है , पुरानी पेंशन बहुत ज़रूरी है ।


यह शौक नहीं मजबूरी है,
पुरानी पेंशन बहुत ज़रूरी है।।
यह कोई मांग नहीं है आम सी,
यह बात है कर्मचारी के सम्मान की।
उम्र झोंक दी सेवा में जिसने,
यह बात है उसके स्वाभिमान की।
बिन पुरानी पेंशन के, उसकी जिंदगी अधूरी है।
यह शौक नहीं मजबूरी है ,
पुरानी पेंशन बहुत ज़रूरी है ।।
नई पेंशन तो है एक धोखा,
इसका नहीं कोई एतबार
नई पेंशन के चक्कर में ,
भूखों मर रहे परिवार
ये तो है एक आग का दरिया,
कैसे करे कोई इसको पा
र
कर्मचारी के साथ हो रहा,
आज इतना बड़ा अत्याचार
पेंशन ही तो कर्मचारी के जीवन की धुरी है
यह शौक नहीं मजबूरी है ,
पुरानी पेंशन बहुत जरूरी है ।।
हे सरकार अब सुध लो,
कर्मचारी को न बेहाल करो
नई पेंशन को खत्म करके ,
पुरानी पेंशन को बहाल करो
पहले से अंधकार में जीवन,
और न विकराल करो
सामाजिक जीवन सुरक्षित हो सबका,
ये अभिलाषा पूरी पूरी है
यह शौक नहीं मजबूरी है ,
पुरानी पेंशन बहुत ज़रूरी है ।।