यह दुनिया हैं जनाब..
यह दुनिया हैं जनाब..
यह दुनिया हैं जनाब
सब पर उंगली उठाती,
सब को हकीकत बताती है
खुद- कमियाँ छुपाकर
सबकी कमीया गिनती यह दुनिया है जनाब
'सफेद कपडे होते हुये दाग दीखाती है,
ये दुनिया है जनाब
काँच सा चमकने केलीये, बिखार कर रख देती है
खुद के उसूलों से जिवन
की सच्चाई बताती है,
ख़ुदा के फरिश्तों को सजा सुनाती है
गुनाही की खबर बताती है।।
ऐ दुनिया है जनाब
सबको सताती है।।
बहुत कीचड़ उछालती है।।
