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Prem Bajaj

Romance

4  

Prem Bajaj

Romance

ये प्यार नहीं तो क्या है

ये प्यार नहीं तो क्या है

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ये जो तुम करते हो शरारत मुझसे ये प्यार नहीं तो क्या है,

यूं छेड़ जाते हो तार मेरे दिल के ये प्यार नहीं तो क्या है।


करती हूं बंदगी जब खुदा में अक्स तुम्हारा देखा करती हूं ,

खुदा को छोड़ तुम्हें खुदा माना करती हूं ये प्यार नहीं तो क्या है।


तेरे हर गम पे हम दिल को निकाल कर रख लिया करते हैं,

तेरे हर दर्द को सीने से लगाया करते हैं ये प्यार नहीं तो क्या है।


मेरी आंख के आंसू को तुम पलकों पे अपनी सजाया करते हो,

चूम कर पेशानी मेरी परेशानी ले लेते हो ये प्यार नहीं तो क्या है।


तेरी बेवफ़ाई को भी वफ़ा का ताज पहनाया सदा हमने ,

तुमने भी मेरी मजबूरी को अपनाया था ये प्यार नहीं तो क्या है।


हों लाख दूरियां हम में दिलों में एक- दूजे के समय बसा करते हैं,

देख चांद को उसे महबूब माना करते हैं ये प्यार नहीं तो क्या है।


जिस्मों की दूरियां हैं, मगर मेरी ख्वाबगाह पर हक तेरा है,

मर गए खुली रही आंखें दीदार-ए-यार को ये प्यार नहीं तो क्या है।


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