ये प्यार में अक्सर होता है
ये प्यार में अक्सर होता है


इश्क प्यार में न जाने
ऐसा क्यूँ अक्सर होता है
झूठा छलिया मस्त मगन
सच्चा प्रेमी ही रोता है।।
सो जाता ए जग सारा
कोई रात रात न सोता है
तड़प तड़प के दिन बीते
उसे क्यूँ एहसास न होता है।।
मानें न ए दिल पागल
क्यूँ सपने ऐसे ढोता है
जिसकी कोई आस नहीं
ए दिल क्यूँ उसपे मरता है।।
पूछो जाके उससे तुम
जो दिल ही दिल में रोता है
वो मनचली क्या जाने कि
दुख दर्द क्या होता है।।