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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

ये है चुनाव का दौर

ये है चुनाव का दौर

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जनता हित में आज मच रहा ,

सारे देश में बड़ा ही शोर।

होता पांच वर्ष में ऐसा,

ये है चुनाव का दौर।


कुशल अभिनेता होते हैं ये नेता,

सारे गिले-शिकवे क्षण में दूर कर देता।

मैं ही शुभ चिंतक तुम्हारा,

नहीं है दूजा कोई भी और।

होता पांच वर्ष में ऐसा ही,

ये है चुनाव का दौर।


तुम्हीं तात मेरे तुम्हीं मेरी मैया,

चुनावी भंवर में तव सहारे है मेरी नैया।

बस ईमानदार हम ही हैं, बाकी तो सब हैं चोर।

होता पांच वर्ष में ऐसा ही,

ये है चुनाव का दौर।


चुनाव खत्म होते ही, मुश्किल से नजर आएंगे,

गधे के सिर से सींग से, गायब ही हो जाएंगे।

होंगे दुर्लभ दर्शन इनके,

चाहें खोजें हम इनको दस ओर।

होता पांच वर्ष में ऐसा ही,

ये है चुनाव का दौर।


जनता हित में आज मच रहा , ,

सारे देश में बड़ा ही शोर।

होता पांच वर्ष में ऐसा ही,

ये है चुनाव का दौर।


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