ये भारत के मजदूर है
ये भारत के मजदूर है
भारत के मज़दूर है ,ये सच्चे कोहिनूर हैं
जिसके दम से हर कार्य चले, जो महलों का निर्माण करे
भारत माँ का लाल है वो, पर हालत से बेहाल है वो
बेरोजगारी और गरीबी दोनों उसके बने करीबी
जो इंसान के जीवन का सिर्फ ज़ख्म नहीं नासूर है
ये भारत का मज़दूर है, देखो कितना मजबूर है
जो मेहनत की रोटी खाये, कभी भूख में आँसू पी जाएं
पापी पेट को भरने खातीर, घर-परिवार से रहता दूर है
दर दर ठोकर भी खाता है, फिर भी खुद को समझाता है
मेहनत करना मेरा किस्मत और दुनिया ये मगरूर है
ये भारत का मज़दूर ये ही सच्चा कोहिनूर है
सरका
र के झूठे वादे है, मज़दूर तो सीधे-सादे है
दुनिया भी इनको मूर्ख कहे फिर भी नहीं घबराते है
गरीबी में ही जन्म लिए और गरीब ही मर जाते है
झुग्गी में ही रहते है पर भारत के तकदीर है
ये भारत का मज़दूर ये ही सच्चा कोहिनूर है
मनी कहे ये दिल भी रोता है,जब कोई भूखा सोता है
ये भारत देश की गरिमा पर है जैसे काला दाग पड़ा
कुछ करोड़ो गटक लिया, कुछ विदेशों में भाग खड़ा
घुटकर जीते सत्य के राही, ये कैसा दस्तूर है
दाल में कुछ काला है गड़बड़ कुछ तो ज़रूर है
उनकी हालत कौन सुधारे जो भारत का मज़दूर है
ये भारत का मज़दूर है ये ही सच्चा कोहीनूर है ।