यादों की बारात
यादों की बारात
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अक्सर शामिल हो जाती हूँ
तेरी यादों की बारात में
सजे-धजे, सुंदर पोशाकों में
गम चले आते हैं
बनकर मेहमान,
खुशियों को दूर कहीं धकेलते
नाचते हैं, डालते हैं भंगड़े
देखते हैं, व्यंग मिश्रित निगाहों से,
ले आते हैं आंसू, मेरी आंखों में
करते हैं मजबूर बहुत
कि, हो जाऊं मैं भी शामिल
उन्हीं के साथ, भूल कर सारी खुशियां
लगा लूं गमों को गले, और चलती रहूं
साथ-साथ,
तेरी यादों की बारात में।