यादें अनकही
यादें अनकही
किसी के ददऀ की दवा बनो!
यादों केे झरोखे में बसा लिया तुमको!
सासों मे बसा लिया तुमको!
अब चाहकर भी दूूर न हो पाओगे!
अपने दिल-जिगर में छुपा लिया तुम्हें!
यकीन करो अपने प्यार पर !
अपने जीवन से जुड़ा लिया तुम्हें!
तुम रुठ भी जाओ तो मना लेंगे!
जिंदगी को एक नया मुकाम देंगे!
सुख में तो सभी साथी बनते है!
हमें दुख में भी तुम अपने
बाजु में खड़ा पाओगे !
रिश्ता हमारा और आपका!
गहरा हो या गहराई का!
या हो पॖीत पराई का!
हमेशा अपनी यादों में हमें पाओगे!
है उतना यकी हमें आप पर भी!
मर कर भी आप हमें भूल न पायेंगे!