याद
याद
हर रोज़ भी
उसे याद क्या करना ?
वो मेरा है,
तो उससे फ़रियाद क्या करना ?
कल-परसों की
लत नहीं ये मुझे,
अब देखें कब उसे
ज़हन से हक़ीक़त में उतरना।
हर रोज़ भी
उसे याद क्या करना ?
वो मेरा है,
तो उससे फ़रियाद क्या करना ?
कल-परसों की
लत नहीं ये मुझे,
अब देखें कब उसे
ज़हन से हक़ीक़त में उतरना।