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Jay krishna Jha

Romance

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Jay krishna Jha

Romance

Pata mujhe uska maloom nahi

Pata mujhe uska maloom nahi

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कि मेरा ख़त उस तक पहुँचा दो

बात है कुछ कहनी उस से 

कैसे है कहना मुझे मालूम नहीं l

की मेरा ख़त उस तक पहुँचा दो

पता मुझे अब उसका मालूम नहीं

         था संग दिल वो?

         या दिल के बदले पत्थर है सीने में मेरे

         मुझे मालूम नहीं l

          इश्क़ प्यार से भी बढ़ कर

           होता है एक रिश्ता,

           उसने ही कहा था मुझसे कभी

नाम दिया था दोस्ती का
और निभाना सिखाया था उसने ही कभी l

पूछना है उससे

की अब भी, ये सच है कि नहीं?

ख़याल आता है कि कैसा है वो 

ना जाने किस हाल में है वो

मुझे जान ना है उसका हाल

कहनी भी है कुछ उससे दिल की बात

कैसे कहना है अब उससे

ये मुझे मालूम नहीं

की मेरा ख़त उस तक पहुँचा दो

मेरे दिल की बात उस तक पहुँचा दो

की मेरा ख़त उस तक पहुँचा दो

पता मुझे अब उसका मालूम नहींl


            लोगों का क्या है 

           कुछ भी कहते

           ऐसी वैसी बातें करते

            लोगों की बात मुझसे ना पूछो

            कहते हैं कि अब, है ही नहीं वो

मुझको मगर ये यक़ीन नहीं हैl

मुझे मेरा यक़ीन वापस दिला दो

पता मुझे अब उसका मालूम नहीं है

की मेरा ख़त कोई उस तक पहुँचा दो!





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