STORYMIRROR

Jay krishna Jha

Inspirational

4  

Jay krishna Jha

Inspirational

काल का खेल है

काल का खेल है

1 min
1.0K

है, कश्मकश

मगर तू रुक ना, अब

प्रगति का पथ, तेरा रोकने का

काल का ये एक खेल है,

तेरे विचार का तेरी सफलताओं से

लगता कुछ मतभेद है।

मगर तू रुक ना अब,

तू उठा क़दम, तू बढ़ा क़दम

हाँ तू बढ़ा क़दम

जो सोचा है 

उस ओर तू बढ़ा क़दम

हाँ तू बढ़ा क़दम।

कश्मकश है अभी

कश्मकश तो होंगी ही,

होगी बहुत रुकावटें

मगर तू इतना याद रख

तेरे मंज़िलों से उनका विरोध है

सफलताओं से तेरा उनका मतभेद है।

है कृष्णा तू, वो भी जय

शंकाओं के कौरवों का

संघार है तुझे ही करना

सब्र की राधिका से

है तुझे ही इश्क़ करना

वेद की ऋचाओं सा

पवित्र है ये फल सब्र का।

है कश्मकश 

मगर तू रुक ना अब

प्रगति का पथ तेरा रोकने  का

काल का ये एक खेल है!


जय कृष्णा झा




विषय का मूल्यांकन करें
लॉग इन

Similar hindi poem from Inspirational