STORYMIRROR

Jay krishna Jha

Abstract Others

3  

Jay krishna Jha

Abstract Others

बात मत किया क़रो

बात मत किया क़रो

1 min
305

हैं सौदागर यहाँ रिश्तों के सब 

बात तुम समझ के किया करो 

बात बेशक करो सबसे तुम 

मगर दिल की बात मत किया करो ..

हैं सौदागर यहाँ रिश्तों के सब 

बात तुम समझ के किया करो ….


है कौन यहाँ तेरा 

तू है किसका अपना 

ये बात तुम दिल से भी अपने ना किया करो 

हैं सौदागर यहाँ रिश्तों के सब 

बात तुम समझ के किया करो 


सिर्फ बात की बात होती तो क्या फर्क 

ज़ज़्बात का सौदा कर देते हैं लोग यहाँ 

जिनसे भी करोगे तुम दिल की बात 

सौदे में बिक जाएंगे उनसे ही तुम्हारे ज़ज़्बात 

हैं सौदागर यहाँ रिश्तों के सब 

बात तुम समझ के किया करो …. .


अभी कल की बात थी 

सिर्फ मुझे पता था दिल में मेरे क्या है 

कहा एक अपने को मैंने 

ये बात सरे आम अब सबको पता है 

ज़ज़्बात की बात मत पूछ 

मेरा अपना अब मेरे दुश्मनों के साथ खरा है 

बात बेशक करो सबसे तुम 

मगर दिल की बात मत किया करो 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract