वीरता
वीरता
फौजी का दर्द
(गोली लगने के बाद)
गोली लगते ही वीरा को माता की याद सताई है
बीवी का प्यार भी याद आया बच्चे की हंसी खुदाई है
भाई की यादों में भाई जब अश्क बहाने लगता है
बहना प्यारी सी चिड़िया है ये सोच सोच के रोता है।
उड़ गया पंक्षी लुट गया मेला कुछ देर सांस बस अटकी है
अपशकुन हो गया बीवी को जब फूटी कोरी मटकी है
माता की आंखों का तारा पल भर में छलनी कर डाला
बापू का पत्थर जैसा दिल भी आँसू रूपी भर डाला।
जब खबर गांव मे पहुंची है वीरा ने देह त्यागी है
माता बहना बेहोश गिरी बीवी भी बाहर भागी है
कहाँ गया छोड़ के ओ साथी तूने धोखा मुझसे कर डाला
जीना मरना था साथ अकेले कैसे छोड़ चला जा रहा।
बापू की छाती फ़टी निकल गई गंगा रूपी जलधारा
बहना चिल्लाई ओ भैया अब तुने ये क्या कर डाला
माता जी पागल हुई पड़ी बेटा बेटा चिल्लाती है
छोटी सी अनजानी बच्ची पापा-पापा बिलखाती है।
