अभिमान
अभिमान
1 min
402
मरना है जिसकी खातिर
जिसके लिए जान कुर्बान है
यह पावन धरा की मिट्टी है
इस पर मुझको अभिमान है।
निर्दयी निर्लज्ज बेशर्म को
बेधड़क खत्म में कर जाऊ
अपनी भारत मां की खातिर
चाहे हजार बार मैं मर जाऊं
जो मिट गए भारत मां की खातिर
उनको मेरा प्रणाम है,
यह पावन धरा की मिट्टी है
इस पर मुझको अभिमान है।
मिट्टी की सौगंध मुझे
मां तेरी आन बचा लूंगा।
चाहे घर हो बर्बाद मेरा
मैं खुद को भी समझा लूंगा
अगर बचा ना पाया शान तेरी
मेरे जीवन को धिक्कार है,
यह पावन धरा की मिट्टी है
इस पर मुझको अभिमान है।
यह जात-पात और ऊंच-नीच का
भेद नहीं होने दूंगा
भारत मां तेरे सीने में एक छेद नहीं होने दूंगा
अगर मकसद में हुआ सफल मात
यह मुझे अमर वरदान है,
यह पावन धरा की मिट्टी है
इस पर मुझको अभिमान है।
जय हिंद जय भारत