बिहार सलाम बिहार मकाम
बिहार सलाम बिहार मकाम
हर बार बिहार में क्यों बाढ़ का अतांक है
इस बाढ़ से बचा नहीं क्या राजा क्या रंक है
क्या बांधों का प्रबंधन मजबूत नहीं किया जा सकता
क्या अवाम के जानों माल के खातिर,
ये संकल्प नहीं लिया जा सकता
क्या लगता है बिहार के सत्ता में कोई झोल है
या कहीं हम बिहारियों का इसमें कोई रोल है
डूब गई गैया डूब गई भैसिया डूबा पूरा परिवार है
मीडिया वाले भी डूबे इस में, क्यों की यह बिहार है
अब बिहारियों को ही अपना उद्धार करना है
अपने घाव को खुद इलाज करके भरना है
जाति धर्म के नाम पर क्य
ों हम मतदान करें
चुने उसे ही हम जो बिहार में कुछ काम करे
वरना बिहारी अब गाली बन कर रह जाएगी
निवाला कोई लूट लेगा खाली थाली ही रह जाएगी
हमने ही भारत के हर राज्य को खूबसूरत बनाया है
बस अपने घर को भूल गए इसका पछतावा आया है
चंद पैसों के खातिर मिलो दूर कस्टो में गुजारा है
अपना जमीन छोड़ हमने दूसरो का जमीन संवारा है
बस बहुत हो गए बिहार पे आपदा बर्दास्त नहीं
जिसे राजनीति करना है वो बिहार छोड़ ,जाएं कहीं
बरगलाने से अब ना दाल किसी गलने देंगे
काम नहीं किया तो गद्दी हम वापस ले लेंगे।