या पढ़ो या तो लिखो
या पढ़ो या तो लिखो
इस बार मैंने अपनी औकात को
पहले से थोड़ा और बढ़ा दिया है
तुम मेरे बारे में किसी से नहीं कहते थे
मैंने तो अपने बारे में जमाने को बता दिया है
अरे इतनी भी कमजोर नहीं थीं मैं
जितना कि तुम मुझे समझते थे
आज मैं ताकतवर हो चुकी हूं क्योंकि
कभी तुम खुद को ताकतवर कहते थे
जब सीधे-साधी हुआ करती थी तो लोग
बेवकूफ बना कर निकल जाया करते थे
तुम्हें शौक था पीठ पीछे बातें करने का
क्योंकि तुम तो मुंह पर बातें करने से डरते थे
अब मैं नाम कर रही हूं कुछ इस तरह
तुम भी बनना चाहो मेरी ही तरह
मैं वहीं हूँ जो जीना नहीं चाहते थी पर
अब अनगिनत सपने हैं जीने की वजह
तूने कबुल किया था तो अच्छा है
चल अब तेरा सिर नीचा हुआ
कुछ और ना भी हुआ तो ना सहीं
इसी बात पर मेरा इंतकाम पूरा हुआ
दोस्तों याद रखो कि घमंड में कभी
किसी को छोटा मत दिखाना और
कमजोर के सामने तुम खुद को
कभी भी ताकतवर मत बताना क्योंकि
वक्त तो सबका बदलता है इसलिए
वक्त पर कभी अपना हक मत बताना।
मैंने कर लिया जो भी मुझे करना था,
अबकी तुम्हें भी कुछ तो करना होगा
या पढ़ना होगा या तो लिखना होगा
पढ़ो तो वो पढ़ो जो मैं लिख रही हूं और
लिखों तो वो लिख जाओ जो मैं कर रही हूं
