वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत का एक पौराणिक
महत्व है।
शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तक यह
व्रत रहा जात है।
सावित्री व्रत में वट का विशेष
महत्व माना जात है।
बरगद के पवित्र वृक्ष में यह पूजन
की जात है।
इसमें उपवास के साथ भी यह व्रत
रहा जात है।
ब्रम्हा विष्णु आदि देव महादेव का
इस वृक्ष में भी वास माना जात है
इसके नीचे पूजा करने से,
मनोकामना भी सिद्ध हो जात है।
पति के दीर्घायु के लिए भी यह
व्रत रहा जात है।
सावित्री व्रत कथा है अलौकिक
और पौराणिक,
जिसमें मांँ सावित्री के आगे यम
भगवान भी हार मान जात है।
पति सत्यवान की मृत्यु पर भी
सावित्री माँ ने विजय की पताका
फहरावत है।
इसी को मान्यता पर आज
सब सारी स्त्री ये व्रत रहत है।
