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Kailash Jangra 'Banbhoriwala' कैलाश जांगड़ा 'बनभौरीवाला'

Abstract Inspirational

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Kailash Jangra 'Banbhoriwala' कैलाश जांगड़ा 'बनभौरीवाला'

Abstract Inspirational

वतन

वतन

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दिल में है उमंग, वतन के वास्ते।

बढ़ेंगे हर-क़दम, हर-दम माँ की वास्ते ।।

चीत्कार उठी थी, उस अंधेरी रात को,

जब मित्र बन, शत्रु घर आया था ।

सो रही, धरती माँ की संतानों को,

अपने तोपों के गोलों से उड़ाया था ।।

कर सिर कलम शत्रु का, अपने जवानों ने दिखलाया था ।

हम भी कोई कम नहीं, हिमालय भांति हम खड़े हैं ।।

आ जाये कोई आतंक कहीं से, हम रक्षा हेतु अड़े हैं ।

अब कोई गलती नहीं, शत्रु का धड़ लिये खड़े हैं ।।

देख उठेगा, फूल उठेगा, झूम उठेगा देश ये सारा,

मौत की नींद सो जाएगा, जब दुश्मन हमारा ।

दिल में है उमंग, वतन की वास्ते ।

बढ़ेंगे हर-क़दम, हर-दम माँ की वास्ते ।।


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