Kailash Jangra 'Banbhoriwala' कैलाश जांगड़ा 'बनभौरीवाला'
Classics
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वतन
ख़ोज
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वक़्त की रफ़्ता...
एक नारी हूँ म...
यही तो इस अद्भुत पल की विशेषता है कि हर सितारा आतुर है उसकी सराहना करने को _ _ _ यही तो इस अद्भुत पल की विशेषता है कि हर सितारा आतुर है उसकी सराहना करने को _ _ ...
बहुत कम हैं जिंदगी और मौत का फासला ! बहुत कम हैं जिंदगी और मौत का फासला !
लोग चले जाते हैं रह जाते हैं पन्ने... लोग चले जाते हैं रह जाते हैं पन्ने...
हर चीज है कठपुतली, वक्त के हाथ नाच रही... हर चीज है कठपुतली, वक्त के हाथ नाच रही...
ऊँगली थाम नेह से तुमको जनक ने चलना सिखलाया। ऊँगली थाम नेह से तुमको जनक ने चलना सिखलाया।
जब चलते थे तो उन्हें मैंने सीना ताने चलते देखा है... जब चलते थे तो उन्हें मैंने सीना ताने चलते देखा है...
क्षण भंगुर संसार है यह, मिट्टी का है तू, मिट्टी में मिल जाएगा। क्षण भंगुर संसार है यह, मिट्टी का है तू, मिट्टी में मिल जाएगा।
मेरे अहसासों को सिर्फ़, अल्फ़ाज़ समझना तुम... मेरे अहसासों को सिर्फ़, अल्फ़ाज़ समझना तुम...
अपना हित खुद रखो सुरक्षित अपने नीचे अपनी जमीन बनाये रखो। अपना हित खुद रखो सुरक्षित अपने नीचे अपनी जमीन बनाये रखो।
मत भूलों की एक दिन सबको बूढ़ा होना है, देखेंगे जो बच्चें अपने वो ही फिर दोहरायेंगे। मत भूलों की एक दिन सबको बूढ़ा होना है, देखेंगे जो बच्चें अपने वो ही फि...
ठोकर खाता हूं उठता हूँ फिर भी चलता जाता हूँ। ठोकर खाता हूं उठता हूँ फिर भी चलता जाता हूँ।
सब लोग शतरंज हैं जानते फिर भी दांव पेच से बाज नहीं आते यहाँ। सब लोग शतरंज हैं जानते फिर भी दांव पेच से बाज नहीं आते यहाँ।
इसी भारत भूमि पे फिर लें जन्म जहाँ शहादत पाई। इसी भारत भूमि पे फिर लें जन्म जहाँ शहादत पाई।
जाने मस्त कहाँ व्यस्त हो गया जो मानवता अब रुग्ण हो गई। जाने मस्त कहाँ व्यस्त हो गया जो मानवता अब रुग्ण हो गई।
ओल्ड होम पहुंचा रहा है। ओल्ड होम पहुंचा रहा है।
तस्वीर हमें याद दिलाती है, कुछ मीठी और कुछ खट्टी यादें... तस्वीर हमें याद दिलाती है, कुछ मीठी और कुछ खट्टी यादें...
विपदा की इस विषम घड़ी में पड़ी अकेली रानी करती विलाप बेसुध सी हो गई थीं तारा रानी किसी तरह से ला... विपदा की इस विषम घड़ी में पड़ी अकेली रानी करती विलाप बेसुध सी हो गई थीं तारा रा...
पुरुषोत्तम श्रीक्षेत्र के श्रीजगन्नाथ हैं उत्कलीयों के जीवंत ठाकुर, जीर्णवेर परित्याग जीर्णोद्धार... पुरुषोत्तम श्रीक्षेत्र के श्रीजगन्नाथ हैं उत्कलीयों के जीवंत ठाकुर, जीर्णवेर ...
बाबुल ने विदा कर के बेगाना कर दिया, पिया ने उम्र भर ये एहसास दिलाया कि ये उसका घर है... बाबुल ने विदा कर के बेगाना कर दिया, पिया ने उम्र भर ये एहसास दिलाया कि ये उसका...
यही जीवन का सार है। यही जीवन का सार है।