वसंत का स्वागत
वसंत का स्वागत


जड़ों को मृदा में आश्रय मिल जाए
फूलों की मायूसी टल जाए
भौंरों की गुंजन लौट आए
वसंत में वसंत से आलिंगन हो जाए
नई-नई कोपल से मन खिल जाए
हर आंगन सुगंधित हो जाए
जीवन में संतुलन आ जाए
फाल्गुन का रूप निखर जाए
जागृति का आगाज हो जाए
नई ऊर्जा का संचार हो जाए
प्रकृति सक्रिय हो जाए
सर्दी और ग्रीष्म से राहत मिल जाए
होली, बैसाखी सुहावनी हो जाए
वसंत के आगमन से रोम-रोम खिल जाए
पतंगबाजी का जुनून छा जाए
किलकारियों से वसंत का स्वागत हो जाए।