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Anita Agarwal

Inspirational

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Anita Agarwal

Inspirational

वृक्ष बनता है

वृक्ष बनता है

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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन 

अर्थात कर्म करो,फल की इच्छा ना करो 

क्यों ?

क्योंकि फल ईश्वर प्रदत्त है ?

कर्म वह बीज है जो मानव बोता है 

पौधा तैयार होता है 

वृक्ष बनता है 

तब कहीं जा कर फल फूल मिलता है ....

अब फल देने का कार्य ईश्वर  को दे दिया 

क्योंकि हम जानते हैं 

कि किसी को तो 

राह चलते सहजन मिल जाता है .....

और किसी को 

बीज बोने के सालों बाद , आम .....

किसी को नारियल पाने के लिये 

फल लगने के बाद भी 

चढ़ने - उतरने की मेहनत करनी पड़ती है .....

कुछ ऐसे भी हैं 

जिन्हें बिन बोये 

नागफनी मिलती है ...

इसलिए ईश्वर का फल देना आवश्यक है ...

सब कुछ ईश्वर प्रदत्त मान कर 

खुद को समझा पाना 

कितना आसान हो जाता है 

है ना?

 


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