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Yashwant Rathore

Abstract Romance Tragedy

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Yashwant Rathore

Abstract Romance Tragedy

वफा सिर्फ हमारे सर हैं क्या

वफा सिर्फ हमारे सर हैं क्या

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वफा सिर्फ हमारे सर हैं क्या

ईमान कोई तुम्हारे दर हैं क्या


बच्चे सा दिल हैं तो रोना ही ठीक

बसे इंसान जहां, ऐसा घर हैं क्या


कारोबार चलते हमसे कहां है

उड़ चले कहीं,होते हमारे पर हैं क्या


अब जरूरी कुछ भी लगता नहीं है

वक़्त जैसे गुजरे, जाने का डर हैं क्या।


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