STORYMIRROR

Sandeep Kumar

Romance

2  

Sandeep Kumar

Romance

वफा है तो वफा में जीने दो

वफा है तो वफा में जीने दो

1 min
603


वफा है तो वफा में जीने दो

जाम इश्क़ का पीने दो

क्यों घुट घुट कर जी रही हो

घुटन को पिरोने दो

कोरे कागज़ सफेद दीवार को

यूं न भिगोने दो

मरहम प्यार का ज़ालिम

हमें तो बोने दो


शर्म हया और वफा को

धोने और सूखने दो

वफा है तो वफा में जीने दो

जानम, जान जा रही है

अब ना रोने दो


थोड़ा रंग जमाने को

थोड़ा रंग भिगोने को

बाहों में सोने दो

वफा है तो वफा में जीने दो


रो रहा है दिल मेरा

दिल को ना अब रोने दो

सपने हुए बहुत पुराने

सपने में ना खोने दो


दो दिन की जिंदगी है

जिंदगी को जीने दो

यूं ही नहीं अब

प्यार में रोने दो

वफा है तो वफा में जीने दो।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance