वफा है तो वफा में जीने दो
वफा है तो वफा में जीने दो
वफा है तो वफा में जीने दो
जाम इश्क़ का पीने दो
क्यों घुट घुट कर जी रही हो
घुटन को पिरोने दो
कोरे कागज़ सफेद दीवार को
यूं न भिगोने दो
मरहम प्यार का ज़ालिम
हमें तो बोने दो
शर्म हया और वफा को
धोने और सूखने दो
वफा है तो वफा में जीने दो
जानम, जान जा रही है
अब ना रोने दो
थोड़ा रंग जमाने को
थोड़ा रंग भिगोने को
बाहों में सोने दो
वफा है तो वफा में जीने दो
रो रहा है दिल मेरा
दिल को ना अब रोने दो
सपने हुए बहुत पुराने
सपने में ना खोने दो
दो दिन की जिंदगी है
जिंदगी को जीने दो
यूं ही नहीं अब
प्यार में रोने दो
वफा है तो वफा में जीने दो।।