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Navneet Singh

Drama

4.3  

Navneet Singh

Drama

वो उनसे पहली मुलाक़ात

वो उनसे पहली मुलाक़ात

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वो उनसे,

पहली मुलाक़ात ,

पत्तियों पे जैसे,

ओस की बूँद हो।


वो रिश्ता भी,

बड़ा अजीब था ,

बादलों में जैसे,

धूप की लुका छुपी हो।


वो उनकी,

सपनों वाली बातें ,

आज भी हवाओं को,

जैसे छू कर गुज़रती हो।


वो उनकी,

नाराज़गी ,

कुछ बातों के बाद,

जैसे पानी का बुलबुला हो।


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