वो पुराने दिन
वो पुराने दिन
वो पुराने दिन
ना जाने किधर गए
पीछे जो मुड़कर देखा मैंने
मानो सब ठहर से गए
जिंदगी की रफ्तार में हम
कहां से कहां निकल गए
अपने अपने कामों में
ऐसे उलझ से गए
आज के इस वक्त में
कुछ और खास हो गए
रिश्ते नाते प्यार से
बेमतलब हम हो गए
ना जाने कहां
सब लोग रह गए
जिंदगी के इस दौर में
गुमनाम से हो गए
सबके साथ रहने के
वक्त वो कहां चले गए
हम सब अपने आप में
यूं उलझ के रह गए
चिंतन जो किया मैंने
सोच में ही पड़ गए
कैसे एक दूसरे से
दूर हम हो गए
खुद में उलझे हुए
कई साल बीत गए
दोस्तों से रूबरू हुए
जाने कितने अरसे निकल गए
सोचते सोचते यूं ही
उम्र ढल से गए
मन की आकांक्षाएं
वहीं के वहीं रह गए