वो ज़िदगी
वो ज़िदगी
वो ज़िदगी ही क्या
जिसमें प्यार ना हो
वो प्यार ही क्या
जिसमें दोस्ती ना हो।
वो दोस्ती ही क्या
जिसमें नोंक-झोंक ना हो
वो नोंक-झोंक ही क्या
जिसमें मनाना ना हो
वो मनाना ही क्या
जिसमें दिल ना हो
वो दिल ही क्या
जिसमें परिवार ना हो
वो परिवार ही क्या
जिसमें अपनापन ना हो
वो अपनापन ही क्या
जिसमें साथ ना हो
वो साथ ही क्या
जिसमें पल ना हो
वो पल ही क्या
जो खट्टे-मीठे ना हो !!
