उड़ान
उड़ान
क्या चाहे मेरा दिल
मै ना जानू,
क्या होगा अब आगे
मै ना जानू।
जहाँ लेजाऐ ये ज़िदगी
उस राह मुड़ जाऊ,
साथी मिले ना मिले
हम उड़ जाऐ।
खुला आसमान पुकारता अब हमे,
जी चाहे पंख लगाये,
हम उड़ जाऐ।
ना हो कोई हद,
उस उड़ान की,
ना कोई सरहद,
हमे रोक पाये।
ज़िदगी का हर रंग,
होता खूबसूरत,
जी चाहे हर रंग,
मे रंग जऐ।
मिलती एक बार जीने को ये,
क्यू कोई आरज़ू अघूरी रह जाऐ,
है अब दुआ ये,
कोई सपना सपना ना रेह पाऐ !
