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Palak Ranpura

Romance

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Palak Ranpura

Romance

वो जैसा भी है, मेरा हैं

वो जैसा भी है, मेरा हैं

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वो थोड़ा बोरिंग सा है, 

उसे मुझसे फ्लर्ट करना नहीं आता,

और ना ही इजहार करना आता है,

पर वो जैसा भी है, मेरा है।


उसे ना गुस्सा करना आता हैं,

और ना मनाना आता है,

कोशिश किए बिना ही हार मान लेता है,

फिर चिढ़ जाऊँ जो मैं उससे,

उसे अपनी आवाज़ से मुझे पिघलाना आता है।


बस मुझसे मिलने की चाहत रखता है,

मिलकर हाथ पकड़ना नहीं आता,

ओर ना कभी मेरे करीब आता है,

आंखें समुंदर से गहरी है उसकी,

मगर कतरा कतरा मुझ पर गिरना नहीं आता,

माना थोड़ा बुद्ध सा है,

पर वो जैसा भी है, मेरा है।


सुबह मुझे ख्वाब में जगाने आता है, 

पर ना मुझे कॉलेज तक छोड़ने आता है,

बड़ा कैरियर ओरिएंटेड बनकर बिजी चलता है,

ना शाम को मुझे कॉफी पर ले जाता है,

मगर मैं जानती हूं कि रात में मुझे वो चांद में देखा करता है।


मां से बहुत प्यार करता है,

हम दोनों में से एक चुन नहीं पाता है,

मेरी बाते याद आ जाए उसे जो कभी,

मां के सामने ब्लश छुपा नहीं पाता है,

माना थोड़ा नादान है,

पर वो जैसा भी है, मेरा है।


उसे मुझसे कुछ छुपाना नहीं आता, 

ओर ना ही जताना आता है,

जज्बात शोकेस करने की आदत नहीं उसकी,

ओर ना ही उसे तारीखें याद रहती है,

जान बुझ कर उस सताती रहती हूं,

मगर उसे मुझे इग्नोर करना नहीं आता है,

वो जैसा भी है, मेरा है।


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