वो छुईमुई थी
वो छुईमुई थी


चाँद की चांदनी की चमक भी पड़ गई फीकी
यार मेरे की एक छोटी सी मुस्कान के सामने
होश उड़ गए पत्ते पत्ते, फूल फूल के दोस्तों
तारे भी लग पड़े मेरे यार का आफ़ताब ताकने
क्या क्या तारीफ करूँ मैं अपने यार की यारों
की ठंडी हवा भी कल दंग सी रह गई
चमेली की फूलों की खुशबू भी ठगी सी लगी
बस गुलशन में मेरे यार की सांसों की महक रह गई
कल रात जुल्फ जो लहराई मेरे यार की यारों
काली घटा भी बस ताकती ही रह गई
कोयल भी भूल गई मीठे मीठे बोल अपने
जब आवाज़ कानों में मेरे यार की पड़ गई
शरमाया जो कल मेरा यार मुझ को देख कर
छुईमुई भी फिर शरमाना ही भूल गई
कई बार हाथ लगाया शर्मा के मेरे यार ने
छुईमुई थी की बस वैसी की वैसी ही रह गई
यार मेरा चाँद है सागर है गहरी झील है
के मेरा दिल भी वो अपने साथ ले गई
कल जो बैठे तो मायूस हो के गली में
वो मुस्करा के मेरी मायूसी भी साथ ले गई