Arpita Sahoo
Abstract
वो भी क्या दिन थे
कुछ अजनबी से
कुछ आनजाने से
ना शिकवा थी
ना शिकायत किसी से
था हसीन हर वो लम्हा
जहां साथ महबूब था
और था साथ महबूब का
मगर.....
खुशनसीबी भी नसीब हुई
कुछ इस कदर....
ना महबूब का साथ रहा
ना साथ महबूब रहा
कौन है वो?
जन्नत
जादुई लफ्ज़
कुसूर नहीं यह...
कुछ बदलने लगा
आखिर क्यों
वक्त का आईना
एक नया आगाज़
वो भी क्या दि...
जीने दो
चार छः दिन , ननिहाल रह कर, पोता घर लौटा । धड़धड़ाते हुए सीधे दादा से मिलने पहुँचा। चार छः दिन , ननिहाल रह कर, पोता घर लौटा । धड़धड़ाते हुए सीधे दादा से ...
नसीहतों, हिदायतों से ऊबा हुआ है दिल सच्ची लगे जो दिल को वो बात कहो न। नसीहतों, हिदायतों से ऊबा हुआ है दिल सच्ची लगे जो दिल को वो बात कहो न।
घमंड गुरूर का घर है पैसा आज पास तो कल नहीं पैसा कहते हैं दादा और हैं नानी । घमंड गुरूर का घर है पैसा आज पास तो कल नहीं पैसा कहते हैं दादा और हैं न...
जितनी कोमल है उतनी ही घातक उसकी वाणी है। जितनी कोमल है उतनी ही घातक उसकी वाणी है।
कमी निकालने के लिए तो ज़माने भर के लोग है फिर क्यो खुद मे कमी निकाले हम।। कमी निकालने के लिए तो ज़माने भर के लोग है फिर क्यो खुद मे कमी निकाले हम।।
उनकी ना हो हार, नित्य जो करते मेहनत। उनकी ना हो हार, नित्य जो करते मेहनत।
आम औरतों की तरह, खुद को संवारना नहीं जानती थी। आम औरतों की तरह, खुद को संवारना नहीं जानती थी।
गर्मी की तपन से विचलित मन को, पेड़ की शीतल छाँव हम दिलाएं। हरी भरी धरती। गर्मी की तपन से विचलित मन को, पेड़ की शीतल छाँव हम दिलाएं। हरी भरी धरती।
नहीं मिलता जब उसे झंझोड़ देता हूँ। नहीं मिलता जब उसे झंझोड़ देता हूँ।
चलो चले हम भी उड़कर, बादलों के पार, करने जीवन से अभिसार। चलो चले हम भी उड़कर, बादलों के पार, करने जीवन से अभिसार।
कच्चे आम की बातें आज मेरे गाँव की यह सौगात। कच्चे आम की बातें आज मेरे गाँव की यह सौगात।
सबसे अलग सबसे जुदा सबसे निराला अंदाज तुम्हारे प्यार का नजराना है। सबसे अलग सबसे जुदा सबसे निराला अंदाज तुम्हारे प्यार का नजराना है।
झूठ ही कहना था झूठ अच्छा हैं उनका। झूठ ही कहना था झूठ अच्छा हैं उनका।
कोयले की तरह जीवन भर जलना चाहते हैं कि हीरे की तरह जगमगाना चाहते हैं। कोयले की तरह जीवन भर जलना चाहते हैं कि हीरे की तरह जगमगाना चाहते हैं।
अलविदा न कहो, वरन आओ पुनः लेकर नयी सुबह बदले में। अलविदा न कहो, वरन आओ पुनः लेकर नयी सुबह बदले में।
बिखेर देंगे पुनः, चहुओर प्रेम का गुरुत्व। बिखेर देंगे पुनः, चहुओर प्रेम का गुरुत्व।
इक छोटी सी फुलझड़ी, खुशियों की जलाा आए। इक छोटी सी फुलझड़ी, खुशियों की जलाा आए।
कठिनाई सहे बिना, इंसान के अच्छे दिन नहीं आते...!! कठिनाई सहे बिना, इंसान के अच्छे दिन नहीं आते...!!
दोपहर हुई अब तो सूरज भी ऊपर चढ़ गया , सूरज की किरणों ने जब छत पर डाला डेरा। दोपहर हुई अब तो सूरज भी ऊपर चढ़ गया , सूरज की किरणों ने जब छत पर डाला डेरा।
मेरा जीवन सजा रहे हो तुम। प्यार ऐसे निभा रहे हो तुम। मेरा जीवन सजा रहे हो तुम। प्यार ऐसे निभा रहे हो तुम।