अंग्रेज बाबू बनाम भारतीय क्लर्क
अंग्रेज बाबू बनाम भारतीय क्लर्क
एक छाप है यह, हंसी की जुगाली,
भारतीय क्लर्क, अंग्रेजी से हो बंगाली,
प्रभाव ब्रिटिशों का, उनके अनुकरण की खातिर,
विक्टोरियन कुर्सी पर, बैठा है यह अवतार।
हुक्का पकड़े हुए, विचारों में खोया,
प्रिंस अल्बर्ट के बाल, कुंडल गले में छाया,
यूरोपीय बकली के साथ, छाती उफनाई,
नए धनी के दिखावे पर, कलिघाट कला विलाई।
बंगाली बाबू, वैभव में खो गया,
ब्रिटिश साहबों को नकारने में लग गया,
ढीठ विद्रोही बन, पोशाकों में ढला,
उच्च गर्व की झलक, प्रस्तुति में घुस गया।
कलिघाट कलाकारों ने हंसाया इसको,
धृष्टता और उज्ज्वलता के परिणाम को ,
अदाकारी में शान्ति, संकीर्ण आकृति की छवि,
विदुषी भूमिका में वाह्य बन गया दृश्य।
अंग्रेज बाबू, भारतीय क्लर्क की प्रतिमा,
मेले में हंसी और चकाचौंध की कहानी,
नवाबी और नई दौलत का खेल,
चित्रकारी के माध्यम से बैठाया तालमेल ||