बुजुर्गों की छाया
बुजुर्गों की छाया
बुजुर्गों के साए में रहकर हम बड़े हुए
बुजुर्गों ने यह संसार हमें दिखाया है
अपने उन सभी रिश्तों को पहचाना
दुनिया में रहना बुजुर्गों ने सिखाया है
संस्कृति व सभ्यता के बारे में बताया
जीवन जीना हमें बुजुर्गों ने सिखाया है
निस्वार्थ भाव -सा प्रेम होता है इनका
इन्होंने परिवार को जोड़ना सिखाया है
बरगद की छांव की तरह संग रहते हैं
धूप में शीतलता का एहसास कराया है
संस्कारों के जल से सींचा परिवार को
मिल जुल कर रहना इन्होंने सिखाया है
हमारे बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर
बुजुर्गों से अनुभव हमने बहुत कमाया है
शरीर भले कमजोर पर साख मजबूत
सुख शांति का वास इनसे ही रहता है
जिन्होंने उम्र बिता दी फिक्र में हमारी
आज भी अनेक तजुर्बों की वो खान है
आशीर्वाद सदा बना रहे सर पर हमारे
यह बुजुर्ग ही तो परिवार की जान है।
