शांति का लिबास पहनाया जाए
शांति का लिबास पहनाया जाए
इस दुनिया को खून- खराबा से कैसे बचाया जाए,
गगन में जो लगी है आग उसे कैसे बुझाया जाए !
धुआँ-धुआँ हुआ है आज चारों तरफ से आसमां,
उसे अब कैसे शान्ति का लिबास पहनाया जाए !
इंसानियत खौफ़ खा रही है आज हैवानियत से,
मिसाइलों के पैरो में अब ताला कैसे लगाया जाए !
रूस, यूक्रेन, ताइवान सब फँस चुके हैं समस्या से,
उस तबाही से अब कायनात को कैसे बचाया जाए !
युद्ध के लिए मत उकसाओ किसी दुनियावालों को,
बहादुरों के गिरते ग्राफ को किसी तरह उठाया जाए !
यतीम न बनें ये धरती और न ही कोई ज़रा बिलखे,
सबके दिलों को वफ़ा की चाँदनी से नहलाया जाए !
