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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Others

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Others

वो और हम

वो और हम

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ये धरती जहां

कई जीव जीवन

पल पहर दिन महीने

साल दशक दशकों तक

सभी आते जाते

अपने वश में नहीं

देख ही नहीं पाता नयनों से

जो देखते अन्तर मन

वो अभिभूत हो विरक्त हो

उसको जानने-समझने

जो जड़ है सब जहान की


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