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Anjana Singh (Anju)

Tragedy

4.5  

Anjana Singh (Anju)

Tragedy

वो अंतहीन इंतजार

वो अंतहीन इंतजार

1 min
375


वो प्यार भरा इंतजार 

जब मां किया करती थी

अक्सर मेरें कॉल का

इंतजार किया करती थी


मुझसें बातें ना होने पर

व्याकुल हो जाया करती थी

मेरे दुख से दुखी और खुशी में

खुश हो जाया करती थी


जब कभी बात ना हो पाती

वो उदास सी रहती थी

मेरे एक फोन कॉल का

बेसब्री से इंतजार करती थी


उनके दिखाए रास्ते पर

सदैव मैं चलती रही

धीरे-धीरे अपने कार्य कलापों 

व परिवार में मैं रमती गई


बच्चों की परवरिश में

व्यस्त मैं होती गई

लापरवाह नहीं थी मैं

पर मां से थोड़ी दूरी बढ़ती गई


ठीक वैसे ही जैसें मां ने

बरसों पहले गुजारी थी

मैं व्यस्त थी पर मां की

प्रतीक्षा सदैव जारी थी


बच्चें एक दिन बड़े हुए

अपने पांवों पर खड़े हुए

बाहर को निकल गए

अपनें कामों में रम गए


जब मैं अकेली पड़ गई

मां की याद दिल से लग गई

ह्रदय व्याकुल सा तड़प उठा

मन का कोना कोना रो उठा


समय कैसे बीत जाता

पता चलता ही नहीं

आज मेरे पास वक्त ही वक्त है

पर मेरे पास मां नहीं


सब कुछ साथ में है मेरे

पर मेरे साथ मां नहीं

बस मां को याद करती हूं

और कोई चारा नहीं


आज यह महसूस है होता

अकेलापन कैसा है होता

दूर वह मुझसे चली गई

मैं मां बिन अकेली पड़ गई


याद हमेशा मां की आती है

दिल को बेहद तड़पाती है

दिल रहता है बेकरार

मां तेरा वो अंतहीन इंतजार।



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