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Mousam Rajput

Tragedy

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Mousam Rajput

Tragedy

कभी

कभी

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कभी फ़ूल देवता कभी शाखें इबादत लगेंगी

उसे यूँ ही सोचना कभी, वह रहमत लगेगी।


दुपट्टा ओढ़ो, आईना निहारो, ज़रा मुस्कुराओ

मुझे याद करो, तुम्हें जिंदगी खूबसूरत लगेगी।


जिस बाज़ार से भोले बच्चों ने खिलौने खरीदे

कल इसी बाजार में इनकी कीमत लगेगी।


जाने कब ये शहर हम लड़कों को अज़मत बख्शेगा

जाने कब हमें उनकी दुआ ए सोहबत लगेगी।


गांव में दहलीज़ पर बैठी लड़कियों को देखना कभी

उनकी पढ़ाई छूटने की वजह पर तुम्हें ग़ैरत लगेगी।



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