STORYMIRROR

Amit Pandey

Romance Fantasy Others

4  

Amit Pandey

Romance Fantasy Others

वो अंदाज तुम्हारे, जिनसे हम घायल हुए

वो अंदाज तुम्हारे, जिनसे हम घायल हुए

1 min
318

कैसे समझाएं वो अंदाज तुम्हारे, जिनसे हम घायल हुए

याद आती है हर एक अदाएं, जिन पर हम पागल हुए


याद आता है आज तुम्हारा, वो हौले से शर्माना

बैठकर मेरे सामने ही, अपने चेहरे को छिपाना

अपनी एक हँसी के लिए भी, हमको ऐसे तड़पाना

झुकी नजरों से देख के मुझको, हौले से वो मुस्काना

ना जाने कब उन अदाओं के, हम ऐसे कायल हुए

याद आती है हर एक अदाएं, जिन पर हम पागल हुए

याद आते हैं वो लफ्ज़ तुम्हारे, जिन्होंने हमें सताया था

उन लफ्जों से ही तुमने, वापस मुझे बुलाया था

"बहुत दिन हो गए " ये शब्द तुम्हारे, सुनकर के मैं आया था

ऐसे खोये तुम पर हम की, नजर न हमें कुछ आया था

यूँ तो हम बेदर्द सही पर, बातों से तुम्हारे घायल हुए

याद आती है हर एक अदाएं, जिन पर हम पागल हुए


माना की हम कुछ नहीं तुम्हारे, फिर भी मुझे ये लगता है

दिल के कोने में कही तुम्हारे, मेरा ये दिल रहता है

ख्याल तुम्हारा मेरे मन में, आज भी पहले के जैसा है

याद करो न चाहे मुझको पर, दिल मेरा तुम्हारे जैसा है

जो नफरत है तुम्हारे मन में हम उससे ही घायल हुए

याद आती है हर एक अदाएं, जिन पर हम पागल हुए


कैसे समझाएं वो अंदाज तुम्हारे, जिनसे हम घायल हुए

याद आती है हर एक अदाएं, जिन पर हम पागल हुए



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance