जादू तेरा जो है हल्का सा
जादू तेरा जो है हल्का सा
जब से देखा हमने तुमको, ना जाने क्यों खोये हैं
जाग रही हैं मेरी आंखें, पर दिल से हम सोये हैं
जब से देखा हमने तुमको, ना जाने क्यों खोये हैं
१.
ना जाने क्या जादू है, नशा है कोई हल्का सा
अब तो अधूरा सा लगता हूँ जैसे, जाम हो कोई छलका सा
गया था प्यासा पर देख के तुमको, ख्याल नहीं तब जल का था
लम्हा मेरा रुक गया वही पर, होश ना आज और कल का था
अब तो हाल मेरा है तुम बिन, जैसे खुद को खोये हैं
जाग रही हैं मेरी आँखें, पर दिल से क्यों सोये हैं
२.
दिन तो कटता राह में तेरी, रातें पल पल गिन
अब तो हालत हो गयी ऐसी, जैसे जल बिन मीन
अब तो नींदें मेरी आंखों से, रातें रही हैं छीन
सोया जाएगा तुमको देखूं, तुम बिन आंखें ग़मगीन
ये जो चाहत का पेड़ लगा है, बीज तुम्ही ने बोये हैं
जाग रही हैं मेरी आंखें, पर दिल से क्यों सोये हैं
३.
संग तेरे जीने को जीवन, अब मैंने ये सोच लिया
जो होगा देखा जायेगा, साथ में ये भी सोच लिया
अपने दिल की इस गाड़ी को, अब तुम पर ही रोक लिया
मंजिल इकलौती तुम्ही हो मेरी, जीवन को ऐसा मोड़ दिया
तुम संग सपनों का ले के पिटारा, सर पर अपने ढोये हैं
जाग रही हैं मेरी आंखें, पर दिल से क्यों सोये हैं
४.
मैं बढ़ चला तुम्हारी ओर पर, अब तो तुम्हारी बारी है
सुन लो दिल ने अभी हमारे, आवाज तुम्हें पुकारी है
आंखों को नींदे, नींदो को सपने, आप यूँ हमको प्यारी हैं
दिल के फ्रेम में अपनी हमने, तस्वीर तेरी उतारी है
दीदार हुआ न जिस दिन तेरा, रातों को हम रोये हैं
जाग रही हैं मेरी आंखें, पर दिल से क्यों सोये हैं
५.
मान भी जाओ अब तो जाना, मुझको ना तड़पाओ तुम
बातें दिल में जो दबी हमारे, उन्हें समझ भी जाओ तुम
तड़प तड़प के मर ही जाए, ऐसे न हमें सताओ तुम
अब तो सदा सदा की खातिर, पास मेरे आ जाओ तुम
सपने देखें दिन रात तुम्हारे, अब तो तुम पर ही खोये हैं
जाग रही हैं मेरी आंखें, पर दिल से क्यों सोये हैं
जब से देखा हमने तुमको, ना जाने क्यों खोये हैं
जाग रही हैं मेरी आंखें, पर दिल से हम सोये हैं
जब से देखा हमने तुमको, ना जाने क्यों खोये हैं।