Monika Jayesh Shah

Fantasy Inspirational Others

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Monika Jayesh Shah

Fantasy Inspirational Others

वक्त

वक्त

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वक्त –वक्त की बात है..

वक्त –वक्त ही खास है..

वक्त–वक्त के पास है..

फिर भी वक्त है ..कहा..

जागो जो वक्त हमें मिला..

उसका पूरा– पूरा सदुपयोग करो..

आज है .. वक्त उसका उपयोग करो..

कल मत कहना. तुम सबसे..

वक्त था पर वक्त मिला नहीं..

हमने वक्त को कभी वक्त दिया नहीं..

सुबह सुबह चाय की चुस्की लेते लेते

अखबार के पन्ने पलटते पलटते

बैठे रहें उलझे रहे अपनी ही बातों में..

सोचते रहें ख्वाबों ख्यालों की यादों में..

कुछ बातों में सोचने में वक्त कहाँ

 गुजर गया अपने हाथों से..

अब तो जागो जो वक्त गुजर गया..

 वो वक्त वापस ना आयेगा..

आज जो हमें वक्त मिला..

वो फ़िर कल वापस ना आयेगा..

..उसे हमने फिर बेवक्त यादों में खो दिया..

किसी की बीमारी में आंखें है नम..

किसी के जानें का है...गम.. 

हमारी भी आंखें थीं नम..

पर वक्त ने कहा हमें ठहरने दिया..

वो भी गया किसी के गम में..

अपनो के मिलने के संगम में..

हम उस वक्त अफसोस करते रहें..

अपनी दिनचर्या में खोते रहे..

याद आया जब उस वक्त का..

फिर एक नया अरमान लगा के..

वक्त को वक्त में लगा दिया..

अब वक्त से क्या लड़े हम.

वक्त तो हमारा था..

जो गुजरा था वो भी..

और जो अपना है वो भी...

एक वक्त ही तो हैं।।

 जो वक्त को दुनिया बता देता हैं..

कभी वक्त दुनिया बना देता है.. 

कभी अपनी दुनिया बन जाता है!

अब वक्त को क्या कहे हम..

जिसने वक्त पर लिहने को मजबूर किया..

हमने तो कुछ लाइनें वक्त पर लिख दी. 

दिल से लिखने वाली छोटी सी राईटर हूँ!

आप भी पढ़ कर कुछ वक्त हमें दे देना..

     !!धन्यवाद !!



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