वक़्त
वक़्त
नहीं है कोई
वक्त से बढ़कर,
वक्त-वक्त पर
देता ठोकर!
कोई उलझता
कोई समझता,
कोई गिरता
कोई संभलता!
साथ वक्त के
जो है चलता,
उसको मिलती
सकल सफलता!
मझधार में उसकी,
नैया डोली,
जिसने छोड़ी,
वक्त की डोरी!
डोर वक्त की
थाम जो चलता,
जीवन की नैय्या
पार उतरता!
आते जाते
हर लम्हों में,
सीख नयी
वक्त दे जाता!