वक्त बदलने का इंतजार करना
वक्त बदलने का इंतजार करना
ज़ब कीचड़ में कोई एक पैर फिसले तो,
दूसरा पैऱ जमीं पर कसकर जमाए रखना!
जब कभी वक़्त अपने माफिक ना हो तो,
वक़्त के बदलने का इंतजार ज़रूर करना!
अपने बुलंद हौसले को मंज़िल का पता देना,
कभी जो मन घबड़ाए तो अपनों को बता देना!
शरीर नश्वर है, आत्मा कभी नहीं नष्ट होती है,
कीचड़ में खिले जो इंसा उनकी हस्ती विशिष्ट होती है!
