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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

विश्वास मत तोड़ना

विश्वास मत तोड़ना

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किसी का विश्वास कभी मत तोड़ना

चाहे तू लाख बार ज़मीन पर लौटना

जैसे फ़टे दूध से माखन नहीं बनता है

वैसे टूटा विश्वास कभी नहीं जुड़ता है

टूटा कांच चाहे जग में फिर जुड़ जाये

टूटा विश्वास दोबारा कभी न जुड़ पाये

आग का दामन चाहे साखी तू ओढ़ना

पर कभी किसी का विश्वास मत तोड़ना

फूलों से नाज़ुक है किसी का विश्वास,

पर एक पत्थर से मजबूत है ये विश्वास,

शूलों में चाहे तू साखी मुँह मोड़ना,

पर जीवन में किसी का विश्वास मत तोड़ना


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