विलंबित घड़ियां
विलंबित घड़ियां
विलंब की घड़ियां
बितानी मुश्किल हो जाती हैं
जब एंबुलेंस ट्राफिक जाम में फंस जाते हैं
जब रोगी लाइन में खड़े होकर ही मारे जाते हैं
जब न्यायालय में अपील कर सालों बीत जाते हैं
जब परीक्षाओं की तैयारी में सालों बीत जाते हैं
विलंब की घड़ियां
बेसब्र कर जाती हैं
जब न्याय व्यवस्था समय पर न्याय न दे पाती है
नेता महामारी में दौरों पर व्यस्त हो जाते हैं
श्मशानों की तरफ हर रोज लाखों लाशें पड़ी मिल जाती हैं
चरमराई व्यवस्था के बावजूद ताली थाली बजवाई जाती है!
